रैलीमें
मेरे सामने इंडस valley
और वीरशैवोंकी रैली
पैक्ड अककमहादेवी मंडप
बसवण्णाका कड़क जप
हर कोई जाने अपनी जात
मैंही हूँ अकेला अनाथ
मेरा सबकुछ हैं शिव
मुझे नामंजूर शिवाशिव
हटो हटो मैं इंसान करके आया था यहाँ
pure शिवजी के पास रहा हूँ जा
पयूषणपर्वमे
रहता हूँ जैनगल्ली हूँ शिवका तांव
मुझे चढ़ता हैं शिवजीका चाँव
मगर मैं मानता हूँ महावीर ग्रेट
मुझेभी पहुँचना हैं कैवल्यपे स्ट्रेट
ऋषभनाथ मुझेभी लगता हैं प्यारा
खाता हूँ उनके ज्ञानका वृषभ बनके चारा
क्या जैन क्या शैव एकही पाँव
हैं हम दोनोंकी कैवल्यही गाय
आ बन जाते हैं नए कोरे बछड़े
एक माँका दूध पीके जो थे बिछड़े
उठा दूधका ग्लास फर्क कर खल्लास
तू मैं फ्रेश बाकि सब बास
श्रीधर तिळवे नाईक
मेरे सामने इंडस valley
और वीरशैवोंकी रैली
पैक्ड अककमहादेवी मंडप
बसवण्णाका कड़क जप
हर कोई जाने अपनी जात
मैंही हूँ अकेला अनाथ
मेरा सबकुछ हैं शिव
मुझे नामंजूर शिवाशिव
हटो हटो मैं इंसान करके आया था यहाँ
pure शिवजी के पास रहा हूँ जा
पयूषणपर्वमे
रहता हूँ जैनगल्ली हूँ शिवका तांव
मुझे चढ़ता हैं शिवजीका चाँव
मगर मैं मानता हूँ महावीर ग्रेट
मुझेभी पहुँचना हैं कैवल्यपे स्ट्रेट
ऋषभनाथ मुझेभी लगता हैं प्यारा
खाता हूँ उनके ज्ञानका वृषभ बनके चारा
क्या जैन क्या शैव एकही पाँव
हैं हम दोनोंकी कैवल्यही गाय
आ बन जाते हैं नए कोरे बछड़े
एक माँका दूध पीके जो थे बिछड़े
उठा दूधका ग्लास फर्क कर खल्लास
तू मैं फ्रेश बाकि सब बास
श्रीधर तिळवे नाईक
(डेकॅथलॉन -अनकॅटेगरीकल /मंत्र विभाग काव्यफाईलसे )
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